Yuva Press

H2 FY25 में भारतीय ऑटोमोबाइल सेक्टर में 70% वर्कफोर्स विस्तार की संभावना

zs

भारत का ऑटोमोबाइल सेक्टर, जो देश की GDP में लगभग 7% का योगदान देता है, H2 FY25 में 70% तक वर्कफोर्स विस्तार देखने को मिल सकता है। गुरुवार को जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक, ऑटो सेक्टर में कुल 8.5% का नेट एम्प्लॉयमेंट ग्रोथ देखा जा रहा है। यह वृद्धि मुख्य रूप से इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs), प्रीमियम मॉडल्स और कनेक्टेड ऑटोमोबाइल्स में बढ़ती रुचि से प्रेरित है।

EV और टेक्नोलॉजी से बढ़ेगी रोजगार की मांग

ऑटोमोबाइल कंपनियां तेजी से EV उत्पादन बढ़ाने और आधुनिक तकनीकों को अपनाने की दिशा में काम कर रही हैं। इसके चलते रोबोटिक्स एक्सपर्ट्स, सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स और सप्लाई चेन मैनेजर्स जैसी स्पेशलाइज्ड नौकरियों की मांग बढ़ रही है।

रिपोर्ट के अनुसार, 70% से अधिक ऑटो कंपनियां अपने कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने की योजना बना रही हैं। यह भारतीय ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री की मजबूती और अर्थव्यवस्था में इसके महत्वपूर्ण योगदान को दर्शाता है।

नौकरी की सबसे अधिक संभावनाएं कहां?

image 611

रिपोर्ट के अनुसार, मौजूदा पदों पर नियुक्तियों के लिए चेन्नई (63%), मुंबई (62%) और दिल्ली (61%) सबसे आगे हैं। वहीं, नए जॉब रोल्स के मामले में गुरुग्राम (19%) टॉप पर है, जबकि मुंबई, इंदौर और कोयंबटूर (15%) भी प्रमुख शहरों में शामिल हैं।

ऑटोमोबाइल सेक्टर में टैलेंट की बदलती जरूरतें

टीमलीज़ सर्विसेज के COO सुब्बुरथिनम पी ने कहा कि EVs, कनेक्टेड व्हीकल्स और प्रीमियम मॉडल्स की बढ़ती मांग ने ऑटो सेक्टर में टैलेंट की जरूरतों को पूरी तरह बदल दिया है। कंपनियां अब IoT, AI, और डेटा एनालिटिक्स जैसी विशेषज्ञता वाले कर्मचारियों को प्राथमिकता दे रही हैं।

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि 82% से अधिक ऑटोमोबाइल कंपनियां अपनी उत्पादन क्षमता बनाए रखने के लिए वर्किंग आवर्स बढ़ा रही हैं। इससे वे टेक्नोलॉजी एडॉप्शन और लागत प्रबंधन के बीच संतुलन बनाए रखने की कोशिश कर रही हैं।

इंजीनियरिंग और सेल्स में सबसे ज्यादा नौकरियां

भर्ती के लिहाज से 66% नौकरियां इंजीनियरिंग सेक्टर में निकल रही हैं, जबकि 60% सेल्स और 56% इंफॉर्मेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी (ICT) से संबंधित हैं।