Bank में खाता खुलवाने में बाद खाते को एक्टिव रखना आवश्यक है.कई बार ऐसा देखने को मिलता है कि एक व्यक्ति कई खाता खुलवा लेते है बाद में उसका उपयोग नहीं करते है.किसी भी बैंक में खाता खुलवाने के बाद अगर आप उस खाते को सक्रिय (Active) नहीं रखते है तो कुछ दिनों बाद आपके खाते को निष्क्रिय (Unactive) कर दिया जाता है. बैंक कहते को एक्टिव रखने के लिए एक निश्चित समय पर लेनदेन कर लेना चाहिए.अगर आप ऐसा नहीं करते तो आपके खाते को बंद कर दिया जाता है. आइये जानते है खाता कब और कैसे बंद हो जाता है.
Bank खाता कैसे और कब हो जाता है बंद?
बैंक खाता मुख्यतः लेनदेन न करने के कारण ही बंद हो जाता है. अगर आप नियमित लेनदेन कर रहें है तो आपका खाता बंद नहीं होता है.किसी भी कारण से अगर आप दो वर्ष से आदिक से लेनदेन नहीं करते है तो आपके खाते को निष्क्रिय कर दिया जाता है.एक बार खाता इंएक्टिव हो जाता है तो उस खाते से किसी भी प्रकार का लेनदेन नहीं कर सकते है.खाता में जमा पैसा उतना ही रहेगा इनाक्टि होने का कोई चार्ज नहीं लगता.बैंक से मिलने वाला व्याज नियमित मिलता रहेगा.
बंद हुए Bank खाते को कैसे करें रेगुलर
बंद हुए खाते को बहुत ही आसानी से चालू कराया जा सकता है. खाता निष्क्रिय हो गया है तो ब्रांच ऑफिस जाकर आपको KYC कराना पड़ेगा KYC होते ही पुनः आपका खाता चालू हो जायेगा. KYC कराने के लिए आधार, पैन जैसे जरूरी दस्तावेज लगता है. खाताधारक इन दस्तावेज को जमा करके आसानी से खाता चालू करवा सकता है.
बंद bank खाते को चालू करने के लिए RBI की गाइडलाइन?
निष्क्रिय खाता आसानी से चालू हो जाता है जिसका कोई भी पेनाल्टी चार्ज नहीं लगता है. आरबीआई के गाइडलाइन के अनुसार निष्क्रिय खाते में से कोई चार्ज नहीं लिया जाता साथ में अगर आप न्यूनतम बैलेंस (Minimum Balance) भी नहीं रखते तो भी कोई पेनाल्टी नहीं लिया जाता है.
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