Bank में अकाउंट ओपन कराने के बाद कई चीजों कों ध्यान में रखना बेहद जरूरी हैं.जिसमे से एक सबसे बड़ी चीज है minimum balance कों मेन्टेन रखना. दरअसल अगर आप अपने बैंक में मिनिमम बैलेंस मेन्टेन नहीं रखते है तो बैंक द्वारा तय मानक अनुसार चार्ज काट लिया जाता हैं. यह चार्ज अलग अलग बैंको का अलग अलग होता हैं. आज हम कुछ ऐसे तरीको के बारे में जानते हैं जिन्हे फॉलो करके आप मिनिमम बैलेंस के झंजट से दूर हो जायेंगे.

Bank के स्वीप-इन सुविधा का करें इस्तेमाल
आज के समय के कुछ ऐसे भी बैंक है जिन बैंको में स्वीप इन की सुविधा हैं आप ऐसे बैंको का इस्तेमाल कर सकते हैं.दरअसल कुछ बैंको द्वारा बचत खाते पर फिक्स्ड डिपाजिट के साथ स्वीप इन और स्वीप आउट की सुविधा प्रदान की जाती हैं. HDFC बैंक के अनुसार मिनिमम बैलेंस की कमी बचत खाते में एफडी पूरा कर देती है. जिससे कोई चार्ज नहीं कटता है.
Bank में खाता खुलवाते समय सही बैंक का चयन करें
अब ऐसे कई बैंक हैं जहां आपका तुरंत KYC होने के बाद खाता खुल जाता हैं और ऐसे बैंको में मिनिमम बैलेंस का कोई शुल्क भी नहीं लिया जाता हैं. दरअसल इन खातों का जीरो बैलेंस खाता कहा जाता है.ऐसे बैंको में खाता खुलवाने पर मिनिमम बैलेंस चार्ज नहीं कटता हैं.

Bank एकाउंट का डिजिटली ध्यान रखें.
आज के समय में लगभग लगभग लोग यूपीआई का इस्तेमाल कर रहें हैं मोबाइल फ़ोन में सभी का बैंक अकाउंट लोग इन रहता हैं ऐसे में बैंक खाते से सम्बंधित सभी जानकारी फ़ोन पर ही प्राप्त हो जाती हैं. ऐसे में आप यह ध्यान रख सकते हैं कि बैंक द्वारा निर्धारित मानक से कम अमाउंट ना हो इसीलिए अमाउंट कों चेक करके मिनिमम बैलेंस के ऊपर हो रखें.
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