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Basant Panchami 2025: बसंत पंचमी पर ऐसे करें सरस्वती पूजा, जानें स्नान-दान का शुभ मुहूर्त

Basant panchmi 2025

Basant Panchami 2025: आज 3 फरवरी को बसंत पंचमी का पर्व मनाया जा रहा है और यह दिन सरस्वती पंचमी के नाम से जाना जाता है. यह पर्व बसंत ऋतु में आता है और यह सरस्वती मां को समर्पित होता है. इस बार की बसंत पंचमी (Basant Panchami 2025) बेहद स्पेशल मानी जा रही है. ऐसा इसलिए क्योंकि 144 साल बाद महाकुंभ का चौथा शाही स्नान भी इस दिन हो रहा है.

Basant panchmi 2025

बसंत पंचमी का दिन न सिर्फ वसंत ऋतु की शुरुआत का प्रतीक है, बल्कि यह ज्ञान और कला की देवी, माता सरस्वती की पूजा का भी दिन है. इस दिन विद्या की देवी से आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए लोग विशेष रूप से अपनी किताबों और कलमों की पूजा करते हैं. महाकुंभ का आयोजन इस दिन को और भी पवित्र और महत्वपूर्ण बना रहा है.तो चलिए फटाफट जानते हैं इस दिन कैसे करें सरस्वती पूजा और जानें स्नान-दान का शुभ मुहूर्त –

Basant Panchami 2025 का शुभ मुहूर्त

इस बार बसंत पंचमी (Basant Panchami 2025) 2 फरवरी को सुबह 9:14 बजे से शुरू हो रही है और 3 फरवरी को सुबह 6:52 बजे तक रहेगी. इस दौरान विशेष रूप से पूजा और व्रत करने के लिए शुभ मुहूर्त रहेगा. अगर आप माता सरस्वती की पूजा करना चाहते हैं, तो खास तौर पर “माघ शुक्ल पंचमी” के दिन विद्या, ज्ञान और कला के क्षेत्र में सफलता की कामना की जाती है.इस विशेष मुहूर्त में पूजा करना अधिक फलदायी माना जाता है .

बसंत पंचमी पर स्नान -दान

Basant panchmi 2025

बसंत पंचमी के दिन विशेष रूप से स्नान और दान का महत्व होता है.2025 में बसंत पंचमी के शाही स्नान के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 5:24 बजे से लेकर 6:16 बजे तक रहेगा. इस समय में स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और यह दिन विशेष रूप से पवित्र माना जाता है.

Basant panchmi 2025

बसंत पंचमी पर ऐसे करें सरस्वती पूजा

  1. वस्त्र: इस दिन पीले, बसंती या सफेद वस्त्र पहनें, क्योंकि ये रंग इस दिन के साथ जुड़े हुए हैं.काले या लाल रंग के वस्त्र नहीं पहनने चाहिए.
  2. पूजा का समय: सूर्योदय के बाद ढाई घंटे या सूर्यास्त के बाद ढाई घंटे का समय इस पूजा के लिए सर्वोत्तम माना जाता है. इस समय का उपयोग करके पूजा करें.
  3. पूजा स्थान और दिशा: पूजा करते समय अपने मुख को पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रखें.
  4. पुष्प और चंदन: माता सरस्वती को श्वेत चंदन और पीले या सफेद फूल अर्पित करें, और यह हमेशा दाहिने हाथ से करें.
  5. प्रसाद: प्रसाद में मिश्री, दही और लावा अर्पित करें. सबसे अच्छा माना जाता है केसर मिश्रित खीर अर्पित करना, क्योंकि यह देवी सरस्वती को प्रिय होता है.
  6. मंत्र जप: पूजा के बाद, माता सरस्वती का मंत्र “ऊं ऐं सरस्वत्यै नम:” का जाप करें। यह मंत्र ज्ञान और विद्या की देवी का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए बहुत प्रभावी माना जाता है.
  7. प्रसाद ग्रहण: मंत्र जाप के बाद, आप प्रसाद ग्रहण करें और साथ ही देवी से आशीर्वाद प्राप्त करें.

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अंजलि तिवारी Yuvapress में कंटेंट राइटर है.उन्हें विभिन्न प्रमुख मीडिया संस्थानों में काम करने का 4 वर्ष से अधिक का अनुभव है. पत्रकारिता में खासतौर पर मनोरंजन, लाइव शोज़ लाइफ़स्टाइल, एस्ट्रोलॉजी, स्वास्थ्य,पर अच्छी रूचि है. बॉलीवुड की खबरों में किसी भी सेलिब्रिटी का बर्थडे, बिग बॉस से जुड़ी खबरें, स्वास्थ्य से जुड़ी खबरें आदि विषय पर उन्होंने बेहतरीन स्टोरी की है. जीवन में कुछ नया करने, कुछ नया सीखने की तलाश इन्हें सदैव रहती हैं.