आलिया भट्ट की फिल्मोग्राफी में Highway‘ एक खास जगह रखती है। यह फिल्म उनके असली टैलेंट का प्रमाण थी, जिसने उन्हें महज ‘स्टूडेंट ऑफ द ईयर’ की चमकदार शानाया से कहीं आगे साबित किया।
‘Highway’ – आलिया भट्ट का असली डेब्यू?
जब 2014 में इम्तियाज अली की फिल्म ‘हाईवे’ रिलीज़ हुई, तो किसी ने नहीं सोचा था कि ‘स्टूडेंट ऑफ द ईयर’ (2012) की ग्लैमरस शानाया वही लड़की होगी, जो इस फिल्म में पूरी तरह से एक अलग अवतार में नजर आएगी। ‘हाईवे’ में आलिया का किरदार, वीरा त्रिपाठी, उनकी अब तक की सबसे चुनौतीपूर्ण भूमिकाओं में से एक थी। इस फिल्म ने न सिर्फ आलिया की अभिनय क्षमता को साबित किया बल्कि उन्हें एक सशक्त अभिनेत्री के रूप में भी स्थापित किया।
‘Highway’ ने खोला आलिया के करियर का असली रास्ता

फिल्म में आलिया ने वीरा त्रिपाठी का किरदार निभाया, जो एक बिजनेस टाइकून की बेटी होती है। उसकी शादी से ठीक पहले उसे किडनैप कर लिया जाता है, लेकिन कहानी यहां एक दिलचस्प मोड़ लेती है। शुरुआत में डरी-सहमी वीरा धीरे-धीरे अपने कैद में आजादी महसूस करने लगती है। वह अपने बचपन के दर्द को पहचानती है और अंदरूनी घावों से लड़ने की हिम्मत जुटाती है। रणदीप हुड्डा ने फिल्म में महाबीर भाटी का किरदार निभाया, जो उसके किडनैपर होते हैं। दोनों किरदारों के बीच का अनोखा रिश्ता फिल्म को एक अलग गहराई देता है।
यह फिल्म एक आम रोड मूवी नहीं थी। ‘हाईवे’ असल में ज़िंदगी का एक रूपक (Metaphor) थी, जहाँ सफर ही असली कहानी थी, मंज़िल नहीं। इस यात्रा में वीरा और महाबीर दोनों एक-दूसरे का सहारा बन जाते हैं और फिल्म अपने आप में आत्म-खोज (self-discovery) की एक खूबसूरत यात्रा बन जाती है।
शानाया से वीरा बनने की अद्भुत यात्रा

‘हाईवे’ आलिया भट्ट के करियर की सबसे महत्वपूर्ण फिल्मों में से एक रही। ‘स्टूडेंट ऑफ द ईयर’ में जहां वह एक चकाचौंध भरी हाई-फाई गर्ल के रूप में दिखी थीं, वहीं ‘हाईवे’ में उन्होंने अपने किरदार को पूरी तरह आत्मसात कर लिया। उनके अभिनय में एक कच्चापन (rawness) था, जो उनकी उम्र के अनुरूप था। फिल्म के आखिरी हिस्से में दिया गया उनका मोनोलॉग आज भी उनके बेहतरीन परफॉर्मेंस में से एक माना जाता है।
इम्तियाज अली की उत्कृष्ट कृति और ए.आर. रहमान का जादू

‘हाईवे’ सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि एक अनुभव थी। इसकी सिनेमेटोग्राफी, बैकग्राउंड स्कोर और हर फ्रेम में छुपी भावनाएं इसे एक मास्टरपीस बनाती हैं। ए.आर. रहमान का संगीत फिल्म की आत्मा थी। उनके गाने, खासकर ‘पटाखा गुड़ी’, फिल्म की कहानी को और गहराई देते हैं।
इम्तियाज अली ने इस फिल्म से आलिया भट्ट की अभिनय क्षमता को सबसे सही समय पर दुनिया के सामने पेश किया। ‘हाईवे’ ने उन्हें केवल ‘नेपोटिज्म’ टैग से मुक्त नहीं किया, बल्कि उन्हें इंडस्ट्री में अपनी एक अलग पहचान भी दिलाई।
अगर आलिया भट्ट की असली बॉलीवुड डेब्यू फिल्म की बात की जाए, तो ‘हाईवे’ ही वह फिल्म थी जिसने उन्हें स्टारडम से ज्यादा एक कलाकार के रूप में स्थापित किया। इस फिल्म ने यह साबित किया कि वह सिर्फ एक ‘स्टार किड’ नहीं, बल्कि एक बेहतरीन अदाकारा भी हैं।
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