भारतीय Auto Component Industry अमेरिकी टैरिफ दबाव और वैश्विक मंदी के कारण निर्यात चुनौतियों का सामना कर रहा है। कंपनियां नए बाजारों में अवसर तलाश रही हैं।
भारत का Auto Component Industry इस समय निर्यात संबंधी चुनौतियों से जूझ रहा है। अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ की वजह से उद्योग पर दबाव बना हुआ है। इसके अलावा, कुछ मध्य पूर्वी देशों में मुद्रा अवमूल्यन के कारण मांग में गिरावट देखी गई है, जबकि यूरोपीय बाजार भी बड़े स्तर पर मंदी का सामना कर रहा है।
नए बाजारों की ओर बढ़ते भारतीय ऑटो कंपोनेंट निर्माता

हालांकि, जिन भारतीय कंपनियों की निर्भरता प्रभावित बाजारों पर कम है, वे इस दबाव को कम करने के लिए नए भौगोलिक क्षेत्रों से ग्राहकों को जोड़ने की रणनीति अपना रही हैं।
DAM कैपिटल एडवाइजर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार,
“अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ, मध्य पूर्व के कुछ देशों में मुद्रा अवमूल्यन और यूरोपीय बाजार में आई भारी मंदी के कारण निर्यात मांग में अनिश्चितता बनी हुई है।”
नई रणनीतियों से कंपनियों की स्थिति मजबूत
कई भारतीय Auto Component Industry निर्माता नए बाजारों में विस्तार कर रहे हैं। वे विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में नए ग्राहक जोड़ने, बाजार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने और ऑटोमोबाइल और गैर-ऑटोमोबाइल दोनों क्षेत्रों में छोटे ऑर्डर सुरक्षित करने पर ध्यान दे रहे हैं।
घरेलू बाजार में मांग स्थिर, लेकिन प्रतिस्पर्धा बढ़ी

भारतीय Auto Component Industry इस समय कमजोर मांग के दौर से गुजर रहा है। हालांकि घरेलू बाजार में स्थिरता बनी हुई है, लेकिन कुछ सेगमेंट में मंदी के संकेत मिल रहे हैं।
बाजार में मूल्य प्रतिस्पर्धा बढ़ने से वाहनों पर छूट देने की प्रवृत्ति तेज हो रही है, जिससे अधिकांश वाहन श्रेणियों पर प्रभाव पड़ा है।
वाहन श्रेणियों का प्रदर्शन
- पैसेंजर व्हीकल (PV) और कमर्शियल व्हीकल (CV) – इन दोनों सेगमेंट में मांग कमजोर बनी हुई है।
- टू-व्हीलर सेगमेंट – अपेक्षाकृत बेहतर प्रदर्शन कर रहा है और इस श्रेणी का निर्यात भी अच्छा बना हुआ है।
- थ्री-व्हीलर निर्यात – स्थिर है, जिससे इस क्षेत्र में स्थिरता बनी हुई है।
- ट्रैक्टर उद्योग – इस सेगमेंट में सकारात्मक दृष्टिकोण है और मार्च 2025 तक दोहरे अंकों में वृद्धि की उम्मीद है।
बाजार में टिके रहने के लिए नई रणनीतियां

हालांकि चुनौतियां बनी हुई हैं, लेकिन ऑटो कंपोनेंट निर्माता आशान्वित हैं कि वे इस उद्योग में बेहतर प्रदर्शन करेंगे। इस आशावाद के पीछे कई कारण हैं:
- वाहनों में नई तकनीकों और अधिक एडवांस्ड फीचर्स की मांग बढ़ रही है।
- प्रीमियम सेगमेंट का विकास हो रहा है।
- इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) की बढ़ती हिस्सेदारी के कारण नए कंपोनेंट्स की आवश्यकता बढ़ी है।
कई कंपनियां नए प्रोडक्ट लॉन्च करने और अपने पोर्टफोलियो का विस्तार करने की योजना बना रही हैं, ताकि बाजार में अपनी स्थिति मजबूत रख सकें और मंदी के प्रभाव को कम किया जा सके।
FY26 के दूसरे भाग में सुधार की उम्मीद
उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि वित्तीय वर्ष 2026 की दूसरी छमाही में बाजार में सुधार देखने को मिलेगा। खासकर त्योहारी सीजन की शुरुआत के साथ मांग में वृद्धि होने की संभावना है, जिससे ऑटो उद्योग को बढ़ावा मिलेगा।
Visit Home Page https://yuvapress.com/