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Jewel Thief Movie Review in Hindi: सैफ अली खान की फिल्म ने दर्शकों की उम्मीदों को चकनाचूर किया

Jewel Thief Movie Review in Hindi: सैफ अली खान की फिल्म ने दर्शकों की उम्मीदों को चकनाचूर किया

Jewel Thief Movie Review in Hindi: सैफ अली खान की नई फिल्म ‘ज्वेल थीफ’ दर्शकों को निराश करती है। जानिए पूरी समीक्षा, कहानी और परफॉर्मेंस के बारे में।


अगर आप सैफ अली खान के फैन हैं और सोच रहे हैं कि उनकी नई फिल्म ‘ज्वेल थीफ’ देखने जाएं, तो पहले यह Jewel Thief Movie Review in Hindi जरूर पढ़ लें। क्योंकि इस फिल्म ने दर्शकों का धैर्य चुराने का पूरा इंतजाम कर रखा है।

Jewel Thief Movie Review in Hindi के मुताबिक, फिल्म की शुरुआत होती है रिहान (सैफ अली खान) के डायलॉग से – “आदमी को अपनी ज़रूरतों और नींद दोनों का ख्याल रखना चाहिए।” शायद फिल्म ने पहले ही चेतावनी दे दी थी कि आगे जाकर दर्शकों की नींद उड़ने वाली है, लेकिन अफसोस यह उत्साह से नहीं, बल्कि निराशा से होगी।

फिल्म की कहानी एक माहिर ज्वेल चोर रिहान के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसे एक क्राइम लॉर्ड 500 करोड़ की दुर्लभ हीरे ‘अफ्रीकन रेड सन’ की चोरी के लिए हायर करता है। ट्रेलर में सैफ के अलग-अलग गेटअप दिखाकर दर्शकों को ट्विस्ट और टर्न का वादा किया गया था, लेकिन असल फिल्म उस वादे पर खरी नहीं उतरती।

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‘ज्वेल थीफ’ एक तरह से रचनात्मकता का ब्लैक होल साबित होती है।

जायदीप अहलावत, जो विलन ‘रघन’ की भूमिका निभाते हैं, बेहद सपाट और बेरंग परफॉर्मेंस देते हैं। उनका सैफ के भाई को ईडी से धमकाने वाला प्लॉट न तो लॉजिक पकड़ता है, न ही कोई तनाव पैदा करता है। बल्कि यह दृश्य अनजाने में हंसी का कारण बन जाता है।

सैफ अली खान की बड़े पर्दे पर वापसी इस फिल्म के जरिये होनी थी, लेकिन स्क्रिप्ट और निर्देशन ने उन्हें कहीं दबा दिया। उनका किरदार कमजोर डायलॉग्स, उबाऊ सीन और फूहड़ जोक्स के नीचे दम तोड़ देता है।

Jewel Thief Movie Review in Hindi में साफ झलकता है कि फिल्म की सबसे बड़ी कमजोरी इसकी कहानी है। स्क्रिप्ट इतनी सुस्त और बेमकसद है कि हर किरदार अधूरा सा लगता है। कुनाल कपूर बस एक मोहरे की तरह कहानी में दाखिल होते हैं और गगन अरोड़ा का छोटा भाई वाला रोल भी ज़रा भी यादगार नहीं बनता।

कहानी में बिल्ली और चूहे के खेल जैसी चालाकी दिखाने की कोशिश की गई है, लेकिन किरदारों को कोई ठोस मोटिवेशन नहीं दिया गया। ट्विस्ट इतने बेतुके ढंग से आते हैं कि सीरियस सीन भी मजाक बन जाते हैं।

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जब तक फिल्म का क्लाइमैक्स आता है, जिसमें जायदीप अहलावत का अजीबोगरीब डांस दिखाया गया है, तब तक दर्शकों की सहनशीलता का इम्तिहान पूरा हो चुका होता है।

Jewel Thief Movie Review in Hindi निष्कर्ष के तौर पर कहता है कि ‘ज्वेल थीफ’ उन दर्शकों के साथ अन्याय करती है, जो अपना समय और पैसा लगाकर सिनेमाघरों तक जाते हैं। फिल्म एक्टिंग, स्टोरीलाइन, डायलॉग डिलीवरी और निर्देशन हर स्तर पर असफल रहती है।

अगर आप सोच रहे हैं कि क्या यह फिल्म देखने लायक है, तो हमारा सुझाव है कि इस ‘हीरे की चोरी’ से खुद को बचा लीजिए, क्योंकि यहां कुछ भी कीमती नहीं मिलने वाला।


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