JLR US Tariff 2025 के बाद टाटा मोटर्स ने दी सफाई — अमेरिका में बढ़े टैक्स के असर को कम करने के लिए Jaguar Land Rover कर रही है विभिन्न रणनीतियों पर विचार।
अमेरिका में लागू हुए JLR US Tariff 2025 को लेकर ऑटो जगत में हलचल तेज हो गई है। टाटा मोटर्स की यूके-स्थित यूनिट Jaguar Land Rover (JLR) ने बयान जारी कर कहा है कि वह अमेरिका द्वारा 2 अप्रैल 2025 को घोषित नए टैरिफ के प्रभावों से निपटने के लिए कई विकल्पों पर गंभीरता से विचार कर रही है।
मंगलवार को स्टॉक एक्सचेंज को दी गई एक स्पष्ट जानकारी में टाटा मोटर्स ने कहा कि JLR फिलहाल किसी अंतिम कार्ययोजना पर नहीं पहुंची है, लेकिन उसकी टीम इस पर काम कर रही है ताकि अमेरिकी बाजार में कंपनी के संचालन पर इसका न्यूनतम असर पड़े।
शिपमेंट पर अस्थायी रोक, लेकिन रणनीति जारी
JLR ने हाल ही में अपने यूके स्थित मैन्युफैक्चरिंग प्लांट्स से अमेरिका के लिए वाहनों की शिपमेंट पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी है। कंपनी का कहना है कि वह अपने व्यापारिक साझेदारों के साथ मिलकर नए ट्रेडिंग टर्म्स को अंतिम रूप देने में जुटी है।
JLR US Tariff 2025 पर प्रतिक्रिया देते हुए कंपनी के प्रवक्ता ने बताया,
अमेरिका हमारे लिए एक बेहद अहम बाजार है। हम शॉर्ट टर्म निर्णय जैसे अप्रैल में शिपमेंट रोक जैसी योजनाएं बना रहे हैं, साथ ही मिड और लॉन्ग टर्म रणनीतियों पर भी काम कर रहे हैं।”
अमेरिका में मजबूत पकड़, अब सामने आई चुनौती

Jaguar Land Rover की बिक्री में अमेरिका का बड़ा योगदान रहा है। वित्त वर्ष 2023-24 में JLR ने कुल 4 लाख से अधिक यूनिट्स बेचीं, जिनमें से लगभग 23 प्रतिशत बिक्री सिर्फ अमेरिका में हुई। ये सभी वाहन JLR के यूनाइटेड किंगडम स्थित प्लांट्स से एक्सपोर्ट किए गए थे।
अब जब JLR US Tariff 2025 के तहत अमेरिका में इंपोर्टेड लग्ज़री कार्स पर 25% टैक्स लागू हो गया है (3 अप्रैल 2025 से प्रभावी), तब JLR जैसे अंतरराष्ट्रीय ब्रांड के लिए यह एक बड़ा झटका है।
क्या हो सकते हैं JLR के अगले कदम?
हालांकि JLR ने अभी तक कोई निश्चित योजना सार्वजनिक नहीं की है, लेकिन जानकारों का मानना है कि कंपनी निम्नलिखित उपायों पर विचार कर सकती है:
- स्थानीय असेम्बली यूनिट्स की स्थापना अमेरिका में।
- प्राइस स्ट्रक्चर का पुनर्निर्धारण ताकि अतिरिक्त टैक्स का भार ग्राहकों पर कम पड़े।
- बिज़नेस पार्टनरशिप का विस्तार अमेरिका में मजबूत डीलर नेटवर्क बनाकर लॉन्ग टर्म उपस्थिति को सुनिश्चित करना।
भारत को क्या मिलेगा फायदा?

इस पूरी स्थिति में एक दिलचस्प पहलू यह है कि JLR की मूल कंपनी टाटा मोटर्स भारत में स्थित है। अगर JLR भविष्य में अमेरिका के बाहर वैकल्पिक मैन्युफैक्चरिंग हब की तलाश करती है, तो भारत में उत्पादन की संभावना को भी टाला नहीं जा सकता। इससे भारतीय ऑटो सेक्टर को नई ऊर्जा मिल सकती है।
JLR US Tariff 2025 का प्रभाव केवल एक टैक्स स्ट्रक्चर में बदलाव नहीं है, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय व्यापार की रणनीतियों को भी नया रूप दे सकता है। टाटा मोटर्स और JLR दोनों इस चुनौती का सामना करने के लिए तैयार दिख रहे हैं और आने वाले समय में इनकी अगली चाल पर सभी की निगाहें होंगी।
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