Yuva Press

Mohit Malik Azaad फिल्म से बड़े पर्दे पर डेब्यू: TV से फिल्मों तक का सफर

मशहूर टेलीविजन एक्टर Mohit Malik ने फिल्म Azaad के जरिए बड़े पर्दे पर कदम रखा है। इस फिल्म में वह एक डार्क और जटिल विलेन का किरदार निभा रहे हैं। Mohit Malik जिन्होंने लगभग 18-19 साल टेलीविजन इंडस्ट्री को दिए हैं, ने अपने करियर के इस बड़े बदलाव और Azaad में अपने किरदार को लेकर अनुभव साझा किया।

टेलीविजन से फिल्मों तक का सफर

image 461

Mohit Malik ने बड़े पर्दे पर आने के इस सफर को चुनौतीपूर्ण लेकिन रोमांचक बताया। उन्होंने कहा, “पिछले 2-3 सालों से मैं OTT और फिल्मों जैसे अलग-अलग माध्यमों को एक्सप्लोर कर रहा हूं। मैंने कास्टिंग डायरेक्टर्स से मिलना शुरू किया क्योंकि यह पूरी तरह से अलग दुनिया है। टीवी में काम करने के बावजूद OTT और फिल्म इंडस्ट्री के ऑडियंस अलग हैं, और यह एहसास हुआ कि मुझे टीवी से मिले अनुभव और मेहनत को बड़े प्लेटफॉर्म पर ले जाना है, जहां और लोग मुझे देख सकें।”

हालांकि Mohit Malik का टीवी से जुड़ाव अब भी गहरा है। उन्होंने कहा, “टेलीविजन ने मुझे वह सब कुछ दिया है जो आज मेरे पास है। मैं हमेशा टीवी प्रोजेक्ट्स को लेकर चयनशील रहा हूं। सही मौका मिलने पर मैं टीवी पर काम करना जारी रखूंगा, भले ही मैं OTT और फिल्मों को एक्सप्लोर कर रहा हूं।”

Azaad में विलेन की भूमिका

image 462

फिल्म Azaad में Mohit Malik ने एक विलेन का किरदार निभाया है, जो उनकी एक्टिंग यात्रा का नया पड़ाव है। उन्होंने कहा, “यह किरदार मेरे अब तक के रोल्स से अलग और अधिक स्वाभाविक है। टीवी पर काम अक्सर स्क्रिप्ट-ड्रिवन और संवाद प्रधान होता है, जबकि फिल्मों में आपको किरदार में डूबने और तैयारी के लिए अधिक समय मिलता है। यह प्रक्रिया एकदम अलग और संतोषजनक है।”

किरदार की तैयारी

Mohit Malik ने बताया कि उन्होंने इस किरदार के लिए डेढ़ महीने तक तैयारी की। “हमने पूरी कास्ट के साथ एक्टिंग वर्कशॉप्स कीं। हालांकि मैंने पहले भी नेगेटिव रोल्स किए हैं, लेकिन Azaad का यह किरदार बेहद अलग और जटिल है। यह मेरे वास्तविक व्यक्तित्व से बिल्कुल विपरीत है। किरदार को निभाने के लिए मानसिक और भावनात्मक रूप से खुद को अलग करना पड़ा।”

Mohit Malik ने अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा, “फिल्म के सेट का माहौल बेहद सहज था, जो गट्टू सर की वजह से था। महीनों की तैयारी के बाद हम किरदार में डूब गए और सीन को स्वाभाविक रूप से निभाया। यही वजह है कि फिल्म इतनी प्रामाणिक और खास बनी।”