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Naseem shah :‘खुद पर भरोसा था मुझे ‘

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Pakistan को अंतिम गेंद पर विजयी चौका लगाकर अफगानिस्तान पर एक विकेट से जीत दिलाने के बाद तेज गेंदबाज Naseem Shah ने कहा कि लक्ष्य का पीछा करते हुए टीम को जीत दिलाने के लिए उन्हें खुद पर भरोसा था।

पाकिस्तान (Pakistan )ने अफगानिस्तान की टीम के खिलाफ 3 मैचों की वनडे सीरीज में 2-0 की अजेय बढ़त भी बना ली है। लेकिन सीरीज का दूसरा मुकाबला हमेशा क्रिकेट फैंस को याद रहेगा, क्योंकि एक रोमांचक लास्ट ओवर थ्रिलर मैच में पाकिस्तान ने एक विकेट से जीत दर्ज की।

पहले बल्लेबाजी करते हुए अफगानिस्तान ने रहमानुल्लाह गुरबाज़ के 151 रन की बदौलत पांच विकेट के नुकसान पर 300 रन बनाए। जवाब में पाकिस्तान (Pakistan ) ने इस लक्ष्य का पीछा करते हुए एक गेंद और एक विकेट शेष रहते जीत दर्ज की।

pak vs afg

इस रोमांचक मैच में पाकिस्तान (Pakistan ) को अंतिम ओवर में 11 रनों की जरूरत थी, शाह और हारिस राउफ क्रीज पर थे और एक गेंद रहते हुए मैच अपने नाम किया। शाह का विजयी रन फजलहक फारूकी के खिलाफ था, जिनके खिलाफ उन्होंने पिछले साल संयुक्त अरब अमीरात में एशिया कप फाइनल में पाकिस्तान को एक विकेट से रोमांचक जीत दिलाने के लिए दो छक्के लगाए थे।

नशीम ( Naseem Shah) ने कहा, “मैं कहना चाहूंगा कि इस साल, पारी के अंत में मुझे जो मौके मिले हैं। ऐसे में, मैं उम्मीद करता हूं कि किसी दिन मुझे हार्ट अटैक नहीं आए। मैं अल्लाह और उसकी कृपा का बहुत आभारी हूं क्योंकि मैं हमेशा ऐसी स्थितियों में खुद पर विश्वास करने की कोशिश करता हूं।”

अपनी कड़ी मेहनत पर भरोसा है
: Naseem Shah

शाह ( Naseem Shah) ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड द्वारा पोस्ट किए गए एक वीडियो में कहा, “जब मैं अंदर गया तो मुझे शादाब पर विश्वास हुआ। मुझे विश्वास था कि हम मैच खत्म करेंगे। लेकिन जब शादाब आउट हुए तो मुझे लगा कि अब सारी स्थिति मेरी है। गेंदबाज वही हैं और मुझे टीम को जीत दिलाने के लिए खुद पर भरोसा था।”

हाल ही में इस खिलाड़ी ने खेल के अंतिम क्षणों में बड़े हिट लगाकर मैच को अपनी टीम के पक्ष में करने की प्रतिष्ठा अर्जित की है। उन्होंने कहा, ”मैं कहूंगा कि यह बहुत खुशी की बात है और हमें इस जीत की बहुत जरूरत थी। मुझे विश्वास था कि मैं यह कर सकता हूं।”

शाह ( Naseem Shah) ने कहा, “मुझे अपनी कड़ी मेहनत पर भरोसा है, यही वजह है कि मुझे बहुत प्रोत्साहन मिलता है। जब मैं अंदर जाता हूं तो सोचता हूं कि मैं टीम के लिए क्या कर सकता हूं? मैं केवल वही कर सकता हूं जो मैं कर सकता हूं और जो मेरे हाथ में है।”