Bank:RBI बैंको के लिए समय समय कोई न कोई निर्देश देता रहता है. आरबीआई के गाइडलाइन के अनुसार ही बैंको में काम होता है. दरअसल विकास कों नई गति देने के लिए आरबीआई ने मौद्रिक नीति में बैंकों को स्पष्ट तौर पर कहा है कि वह लोगों को लोन मुहैया कराएं ना कि उसे वापस रिजर्व बैंक के पास जमा कराएं. आरबीआई (RBI) गवर्नर ने भी फण्ड कों स्पष्ट किया कि बैंक अतिरिक्त फण्ड का इस्तेमाल लोगों कों लोन देने में इस्तेमाल करें जिससे मार्केट में लिक्विडिटी बनी रहे.
मार्केट में लिक्विडिटी बढ़ाने पर जोर
आरबीआई गवर्नर शशिकांत दास (Shashikant Das) ने मार्केट में लिक्विडिटी कम होने पर चिंता जाहिर करते हुए कहा था कि बचे हुए आईसीसीआर को रिलीज कर दिया जाए, जिससे बैंकों के पास और पैसा आएगा, पैसा आने से लिक्विडिटी बढ़ेगी. आरबीआई भी यही चाहता है कि इस लिक्विडिटी का फायदा बिजनेस, इंडस्ट्री में जाए.आरबीआई ने अपना पूरा फोकस वित्तीय मजबूती पर रखा है.
लोन के लिए अच्छी लैंडिंग जरूरी:आरबीआई
आज मार्केट में लोन सप्लाई करने में बैंको की अहम भूमिका है यह भी कहा जा सकता की सबसे बड़ी भूमिका बैंको की ही है.
आरबीआई ने बैंको कों निर्देशित किया था कि अच्छी लैंडिंग पर बैंको कों जोर देना चाहिए.बैंक ने यह चिंता भी जताई कि गुड लोन कितना जरूरी है.आरबीआई ने अच्छी लैंडिंग पर जोर देते हुए कहा कि जो भी लोन दिए जाये बेहतर होने चाहिए.

महंगाई कों नियंत्रण करने पर आरबीआई का जोर
आरबीआई ने इसपर जोर दिया है कि महंगाई 4 फीसदी ही रहे या घटे बढ़े नहीं. साथ ही आरबीआई ग्रोथ पर विशेष ध्यान देने कों निर्देशित किया है.अब इससे एक बात तो स्पष्ट है कि आरबीआई गवर्नर शशिकांत दास महंगाई कों काबू करने के लिए विशेष प्रयासरत हैं.
आंतरिक स्थिति मजबूत अर्थव्यवस्था पर कोई असर (Bank)

आईबीआई गवर्नर ने स्पष्ट किया है कि विकास की रफ्तार मजबूत है. आगे शशिकांत दास ने यह भी कहा कि भारत की आंतरिक स्थिति काफी मजबूत है इसका अर्थव्यवस्था पर कोई असर नहीं है. साथ ही गवर्नर ने वैश्विक दिक्कत और आने वाले समय में मानसून के चलते फसल की पैदावार को लेकर चिंता जाहिर की है.
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