Shibani Dandekar ने हाल ही में खुलासा किया कि बतौर IPL एंकर उनके लुक्स को उनके ज्ञान से ज्यादा तवज्जो दी गई। जानें, उन्होंने इस चुनौती से कैसे सामना किया।
Shibani Dandekar जो अपनी बेहतरीन एंकरिंग और स्टाइलिश पर्सनालिटी के लिए जानी जाती हैं, ने हाल ही में IPL एंकर के रूप में अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि भले ही वह खेल की गहराई से रिसर्च करती थीं, लेकिन उनके लुक्स को उनके ज्ञान से ज्यादा महत्व दिया जाता था।
एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू के दौरान, जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्होंने कभी जेंडर के कारण पेशेवर जीवन में चुनौतियों का सामना किया है, तो उन्होंने बेहद ईमानदारी से जवाब दिया।

‘महिला होने के कारण ज्यादा दिक्कत महसूस नहीं हुई’ – Shibani
Shibani Dandekar ने कहा, “ईमानदारी से कहूं तो मैंने ज्यादा संघर्ष महसूस नहीं किया। अगर कभी मुझे चुनौती मिली भी है, तो मुझे नहीं लगता कि वह सिर्फ महिला होने की वजह से थी। कभी-कभी यह अनुभव की कमी या मेरी समझ की वजह से भी हो सकता था। लेकिन यह नहीं कहूंगी कि सिर्फ महिला होने की वजह से मेरे साथ भेदभाव हुआ।”
हालांकि, उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि कुछ मौकों पर उन्होंने ऐसे हालातों का सामना किया, जहां उन्हें सिर्फ एक “फीमेल प्रेजेंटर” की तरह देखा गया, न कि एक पेशेवर के रूप में।
IPL एंकर के रूप में Shibani के अनुभव

Shibani Dandekar ने अपने शुरुआती दिनों में IPL एंकरिंग के दौरान आई चुनौतियों को लेकर कहा, “जब मैंने पहली बार IPL में एंकरिंग शुरू की, तब यह मेरे लिए आसान नहीं था। भले ही मैं लगातार मैच देखती थी, रिसर्च करती थी, खेल को समझने की कोशिश करती थी, लेकिन लोगों का ध्यान मेरी जानकारी पर कम और मेरे लुक्स पर ज्यादा था।”
उन्होंने आगे बताया, “कई बार मुझे कहा गया कि ‘तुम्हें ज्यादा जानने की जरूरत नहीं, ज्यादा स्मार्ट बनने की कोशिश मत करो, बस माहौल को एंजॉय करो और उसके बारे में बात करो।’ यह बात मुझे हैरान कर देती थी क्योंकि मेरे मेल को-होस्ट्स को कभी इस तरह की बातें नहीं कही जाती थीं।”
Shibani Dandekar ने कहा कि जब वह अपने पुरुष सह-एंकरों की तुलना में खुद को एक पेशेवर के रूप में साबित करने की कोशिश कर रही थीं, तब भी उन्हें सिर्फ एक “ग्लैमरस फीमेल होस्ट” के रूप में ही देखा जाता था। हालांकि, उन्होंने यह भी माना कि वह उन महिलाओं में से रही हैं, जिन्हें इस तरह की परिस्थितियों का ज्यादा बार सामना नहीं करना पड़ा।
महिला एंकर्स के प्रति मानसिकता में बदलाव की जरूरत

Shibani Dandekar का यह अनुभव महिला खेल पत्रकारिता और एंकरिंग में मौजूद असमानता को उजागर करता है। अक्सर महिला एंकरों को सिर्फ उनकी उपस्थिति के आधार पर आंका जाता है, जबकि पुरुष एंकरों को खेल की गहरी समझ रखने वाले पेशेवर के रूप में देखा जाता है।
हालांकि, समय के साथ चीजें बदल रही हैं, और आज कई महिलाएं खेल पत्रकारिता में अपनी जगह बना रही हैं। लेकिन इस सोच को पूरी तरह बदलने के लिए अभी भी लंबा सफर तय करना बाकी है।
IPL एंकर के रूप में Shibani Dandekar का अनुभव बताता है कि भले ही महिलाएं खेल पत्रकारिता में आगे बढ़ रही हैं, लेकिन अभी भी कई जगहों पर उन्हें बाहरी दिखावे से परे एक पेशेवर के रूप में स्वीकार नहीं किया जाता। शिबानी ने अपने संघर्ष को सकारात्मक रूप से लिया और लगातार मेहनत करके खुद को साबित किया।
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