Tata Motors के तिमाही नतीजे (Q3FY25) जारी होने के बाद गुरुवार को कंपनी के शेयर में 7% से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई। यह पिछले पांच महीनों में सबसे बड़ी गिरावट थी। Tata Motors का शुद्ध मुनाफा सालाना आधार पर 22.5% घटकर ₹5,578 करोड़ रह गया, जो पिछले साल इसी तिमाही में ₹7,415 करोड़ था। मुख्य रूप से मुनाफे पर दबाव, कमजोर मांग और बढ़ती लागत इस गिरावट के पीछे की वजहें हैं।
हालांकि, तिमाही आधार पर मुनाफे में 62% की बढ़ोतरी दर्ज की गई, जो Q2FY25 के ₹3,450 करोड़ के मुकाबले ज्यादा है। इसका कारण मौसमी सुधार माना जा रहा है।
ब्रोकरेज हाउस की प्रतिक्रिया: डाउनग्रेड और टारगेट प्राइस में कटौती

तिमाही नतीजों के बाद कम से कम 7 ब्रोकरेज फर्म्स ने Tata Motors के टारगेट प्राइस में कटौती की, जबकि 3 ने अपनी रेटिंग घटा दी।
Jefferies ने Tata Motors को ‘Underperform’ रेटिंग दी
Jefferies ने कंपनी की रेटिंग ‘Buy’ से घटाकर ‘Underperform’ कर दी और इसका टारगेट प्राइस ₹660 कर दिया। इसके पीछे मुख्य कारण हैं:
✔ चीन और यूरोप में JLR वाहनों की कमजोर मांग।
✔ ग्राहक अधिग्रहण लागत और वारंटी खर्च में वृद्धि।
✔ भारत में पैसेंजर और कमर्शियल वाहनों की मांग में कमी।
✔ इलेक्ट्रिक वाहन (EV) बाजार में बढ़ती प्रतिस्पर्धा।
Tata Motors के शेयर गिरने के प्रमुख कारण

JLR की मुनाफे पर दबाव
Jaguar Land Rover (JLR) की बिक्री तो बढ़ी, लेकिन चीन और यूरोप में कमजोर मांग और बढ़ती लागत के कारण मुनाफे में गिरावट आई।
भारतीय बाजार में धीमी मांग
- पैसेंजर और कमर्शियल व्हीकल सेगमेंट में बिक्री घटी।
- रोड इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश स्थिर हो गया, जिससे ट्रक और कमर्शियल वाहनों की मांग प्रभावित हुई।
EV सेगमेंट में बढ़ती प्रतिस्पर्धा
- Tata Motors को EV मार्केट में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों से कड़ी टक्कर मिल रही है।
- FAME II सब्सिडी समाप्त होने के कारण इलेक्ट्रिक फ्लीट व्हीकल की बिक्री में गिरावट आई।
Tata Motors की आगे की रणनीति
✔ JLR के प्रोडक्ट पोर्टफोलियो का विस्तार कर मार्जिन बढ़ाने की योजना।
✔ EV और हाइब्रिड व्हीकल सेगमेंट में निवेश बढ़ाना।
✔ लागत और सप्लाई चेन ऑप्टिमाइजेशन पर ध्यान देना।
हालांकि, Q4FY25 में मौसमी सुधार से कुछ राहत मिल सकती है, लेकिन विश्लेषकों के अनुसार, बढ़ती लागत और कमजोर मांग के चलते Tata Motors के ग्रोथ आउटलुक को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है।